• inner-page-banner

प्रतिष्ठान की स्थापना

Home/ About Us/ प्रतिष्ठान की स्थापना

डा.गोस्वामी गिरिधारी लाल शास्त्री प्राच्य विद्या प्रतिष्ठानम्
(दिल्ली सरकार)
वेद-वेदांग, उपनिषद्, दर्शन, आरण्यक ,ज्ञान-विज्ञान आदि संस्कृत-वाङ्मय, प्राचीन साहित्य एवं प्राच्य विद्याओं के पारम्परिक अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ आधुनिक विषयों की शिक्षा के लिए दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित शैक्षणिक प्रतिष्ठान

संस्कृत भाषा के महत्त्व को दृष्टि में रखते हुए तथा राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता, भाषा एवं साहित्य के संरक्षण और विकास के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए देश व राज्य की सरकारें राष्ट्रीय अखण्डता व भाषायी एकता की प्रतीक संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए अधिकाधिक प्रयत्नशील हैं।
भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली होने के कारण दिल्ली सरकार के समस्त चिन्तन का प्रभाव सम्पूर्ण भारत वर्ष पर ही नहीं, अपितु समस्त विश्व पर पड़ता है। राजधानी के इस गरिमामय महत्त्व एवम् उपर्युक्त बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए दिल्ली सरकार ने संस्कृतभाषा एवं अन्य प्राचीन भाषाओं में सन्निहित वेद, योग, अध्यात्म, चिकित्सा, साहित्य, संगीत, कला, पुरातत्त्व, वास्तु, सैन्य, गणित, भौतिक, रसायन, कृषि, भूगर्भ, जल, पर्यावरण, अन्तरिक्ष, ध्वनि, व्याकरण, दर्शन आदि समस्त भारतीय ज्ञान-विज्ञान की शिक्षण-व्यवस्था हेतु व उपर्युक्त उद्देश्यों को पूर्ण करने वाली संस्कृत संस्थाओं को सम्बद्धता प्रदान करने हेतु संस्कृत एवं ज्योतिष के पुरोधा विद्वान्, राष्ट्रिय एवं प्रादेशिक स्तर पर अनेक संस्कृत संस्थाओं के जन्मदाता डा॰ गोस्वामी गिरिधारी लाल शास्त्री की स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने की पवित्र भावना से उनके नाम पर दिनांक 22-04-2006 को ‘‘डा॰ गोस्वामी गिरिधारी लाल शास्त्री प्राच्यविद्या-प्रतिष्ठानम्’’ की स्थापना की है, जो संस्कृत के अध्ययन एवं शोधकार्य के प्रचार-प्रसार हेतु निरन्तर प्रयत्नशील है।

दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार (कला संस्कृति एवं भाषा विभाग) दिल्ली सचिवालय, नई दिल्ली 110002 की अधिसूचना सं एफ 3(45) दि.सं.अ/ 2002-2003/1899-1978 दिनांक 03-10-2003 द्वारा अधिसूचित एवं संचालित स्वायत्त संस्था डा॰ गोस्वामी गिरिधारी लाल शास्त्री प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान की स्थापना की गयी है।

Top